राष्ट्र निर्माण के 50 साल: कोल इंडिया लिमिटेड अब ऊर्जा क्षेत्र से आगे बढ़कर खनिज और उर्वरक में भी

कोयला मंत्रालय के अधीन महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) जल्द ही 50 साल का गौरवशाली सफर पूरा कर 1 नवंबर 2025 को 51 वें वर्ष में प्रवेश करेगी। देश के कुल कोयला उत्पादन का 75% हिस्सा प्रदान करने वाली CIL ने अपनी स्थापना के वर्ष 1975 से लेकर अब तक कोयला उत्पादन में लगभग दस गुना की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो वित्तीय वर्ष 2025 में 781 MT पर पहुँच गया है।
विविधीकरण की पहल:
CIL अब केवल कोयला खनन तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के सतत विकास के लिए कई विविधीकरण परियोजनाओं पर काम कर रही है:
- नवीकरणीय ऊर्जा: वित्त वर्ष 2028 तक 3000 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य।
- उर्वरक क्षेत्र में सफलता: HURL के साथ संयुक्त उद्यम में स्थापित तीनों उर्वरक संयंत्र चालू हो गए हैं, जिनसे पिछले दो वित्तीय वर्षों में 900 करोड़ रुपये का संयुक्त लाभ हुआ है।
- महत्वपूर्ण खनिज: लिथियम, ग्रेफाइट और कोबाल्ट जैसे खनिजों के लिए घरेलू नीलामी में सक्रिय भागीदारी और ऑस्ट्रेलिया/चिली जैसे देशों में संपत्तियां हासिल करने का प्रयास।
- कोयला गैसीकरण: अमोनियम नाइट्रेट और सिंथेटिक प्राकृतिक गैस के लिए तीन गैसीकरण परियोजनाओं पर काम जारी है।
कर्मचारी कल्याण पर ज़ोर:
CIL ने अपने कर्मचारियों के कल्याण को भी मजबूत किया है। हाल ही में:
- खदान दुर्घटनाओं में मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि ₹15 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी गई है।
- नियमित श्रमिकों को ₹1 करोड़ का अतिरिक्त व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा और ठेका श्रमिकों को पहली बार ₹40 लाख की बीमा पॉलिसी दी गई है, जिसका प्रीमियम कर्मचारियों को नहीं देना होगा।
CIL अपने 51 वें वर्ष में भारत के विकास को गति देने और एक आत्मनिर्भर भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है

