जीरो टॉलरेंस नीति से प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में आई गिरावट : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यशाला का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में गिरावट आई है। यह स्पष्ट रूप से राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का परिणाम है। हम सुरक्षा, सशक्तिकरण और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को निरंतर सुदृढ़ कर रहे हैं, जिससे अपराधों पर अंकुश लगा है। पिछले वर्षों में महिला एवं बाल अपराधों के प्रति सरकार की सख्ती स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध गंभीर अपराधों के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। न्यायालयों द्वारा 48 प्रकरणों में मृत्युदंड के निर्णय दिए जा चुके हैं। सरकार और समाज मिलकर महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अत्याचारों के प्रति जागृति लाएं। इस कार्य में बाल संरक्षण आयोग की भूमिका भी अहम है। सरकार आयोग के सुझावों को अमल में लाने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में यह बातें कही।

कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों से विभिन्न विभागों के अधिकारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य समेत अन्य सदस्यों ने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009, पॉक्सो अधिनियम-2012 तथा किशोर न्याय अधिनियम-2015 जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती निर्मला भूरिया, सदस्य बाल संरक्षण आयोग श्रीमती मेघा पवार और डॉ. निवेदिता शर्मा, डॉ. निशा सक्सेना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश, स्वर्णिम काल में प्रगति के पथ पर अग्रसर है। विश्व में भारत की ख्याति फैल रही है। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में प्रत्येकव्यक्ति निरंतर समर्थ हो रहा है। भारत बाहरी दुश्मनों से निपटने में सक्षम होने के साथ-साथ आंतरिक चुनौतियों का भी प्रभावी रूप से सामना कर रहा है। उन्होंने रामायण के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि बच्चों और किशोरों में अपार क्षमता और ऊर्जा विद्यमान रहती है। इसीलिए महर्षि विश्वामित्र ने असुरों का विनाश करने के लिए महाराज दशरथ से बचपन में प्रभु श्रीराम और श्री लक्ष्मण को मांगा था। प्रभु श्रीराम ने अपने पुरुषार्थ के बल पर असुरों का सर्वनाश किया। भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण का बाल्य स्वरूप सद्मार्ग पर चलने के लिए समाज को भिन्न-भिन्न रूप से प्रेरित करता है।

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