भोपाल से शुरू हुआ जन आंदोलन – तंबाकू के खिलाफ एकजुट हुआ समाज

“ग्लोबल वेलफेयर स्माइल फाउंडेशन” द्वारा एंटी टोबैको कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। समन्वय भवन भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को तंबाकू से होने वाले गंभीर दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया। डॉ. पूजा त्रिपाठी के नेतृत्व में चलाए गए इस मिशन को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया — यह प्रदेश में स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। कॉन्क्लेव में स्वास्थ्य सेवा के योद्धाओं को सम्मानित कर एक प्रेरणादायक संदेश दिया गया।

उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने एक साफ और साहसिक संदेश देते हुए कहा कि “नशे की आदत छोड़ना आसान नहीं, लेकिन संकल्प और लक्ष्य के साथ यह संभव है।” 42,000 लोगों द्वारा तंबाकू छोड़ने की शपथ को उन्होंने जान बचाने का अभियान करार दिया और कहा कि जब समाज मिलकर कार्य करता है, तभी असली परिवर्तन आता है। श्री देवड़ा ने यह भी कहा कि नशा एक व्यक्ति की नहीं, पूरे परिवार की पीड़ा का कारण बनता है। इसीलिए इस पर नियंत्रण आवश्यक है।

उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने समाज को एक स्पष्ट संदेश दिया कि “नशे की आदत लगना आसान है, लेकिन उससे छुटकारा पाना बेहद कठिन। जागरूकता और सतत प्रयासों की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वेलफेयर स्माइल फाउंडेशन द्वारा एक दिन में 42,000 लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई है। उन्होंने शपथ को सामाजिक परिवर्तन की चिंगारी बताया और कहा कि अब हर एक को 1000 और लोगों तक यह संकल्प पहुँचाना होगा। श्री राजेंद्र शुक्ल ने चेताया कि अगर आने वाली पीढ़ी नशे की गिरफ्त में चली गई, तो 2047 तक भारत को विश्व की आर्थिक शक्ति बनाने का सपना अधूरा रह जाएगा। ऐसे में इस अभिमान को सफल बनाने में सबकी सहभागिता आवश्यक है।

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