सोलर केपिटल बनेगा मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश के किसान अब ऊर्जादाता बनेंगे। “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” से प्रदेश के किसानों और छोटे निवेशकों को लाभ होगा। योजना का लाभ लेकर किसान बिजली उत्पादक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि नेट जीरो का लक्ष्य पाने में मध्यप्रदेश के किसान बड़ी भूमिका निभाएंगे। ऊर्जा समिट में एक ही मंच पर निवेशक, किसान, विशेषज्ञ और नीति-निर्माताओं ने उपस्थित होकर समृद्धि के नये द्वार पर दस्तक दी है। प्रदेश में अब तक 80 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं, जिससे 16 हजार से अधिक कृषि पम्पों को सौर उर्जा से उर्जीकृत किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने, उनकी आय में बढ़ोतरी एवं आर्थिक विकास के लिये संकल्पित है। मध्यप्रदेश अब देश की सोलर कैपिटल ऊर्जाधानी बनने के मार्ग पर अग्रसर हैं। प्रदेश के रीवा, नीमच और ओंकारेश्वर सौर ऊर्जा का सशक्त हस्ताक्षर बन रहे हैं। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा प्रदेश के लिए वरदान है। अब हमारी सरकार छोटे निवेशकों और किसान भाइयों को भी बिजली उत्पादन का अवसर मुहैया कराने जा रही है। अब हमारे अन्नदाता, ऊर्जादाता बनने के पथ पर अग्रसर होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” से छोटे निवेशकों के साथ किसानों को भी लाभ मिलेगा। इस योजना से वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर उद्यमियों को निवेश एवं रोजगार के अवसर मिलेंगे। निवेशकों के साथ सरकार 25 साल तक बिजली खरीदने का समझौता करेगी। निवेशकों को नीतिगत प्रोत्साहन के साथ सस्ती ज़मीन और तय बिजली रेट मिलेगा। उन्होंने बताया कि “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” से किसानों को भी अत्यधिक फायदा होगा। योजना से किसानों को दिन में भी सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। अन्नदाताओं का आर्थिक सशक्तिकरण होगा। किसानों को रात में बिजली का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दिन में 8 घंटे तक लगातार बिजली मिलेगी। किसान बिना रुकावट सिंचाई कर सकेंगे।
कुसुम-सी योजना का विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना, प्रधानमंत्री कुसुम-सी योजना का विस्तार है। इस योजना में हर गाँव के पास जो कृषि फीडर (जहाँ से किसानों को बिजली मिलती है) है, उसको सौर ऊर्जा से चलाने की तैयारी हो रही है। किसानों को आवश्यक बिजली की आपूर्ति सौर ऊर्जा से हो इसके लिए सम्पूर्ण फीडर और विद्युत सब-स्टेशन का सोलराइज़ेशन किया जाएगा। सरकार ने अलग से लगभग 8 हजार कृषि फीडर्स लगाए हैं, जिन पर करीब 35 लाख कृषि पम्प जुड़े हुए हैं। अब जल्द ही इन सभी फीडर्स पर सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि किसान भाई खेती के लिये अनुपयोगी या बंजर जमीन पर सोलर पैनल लगवाकर बिजली बना सकते हैं और सरकार को बेच सकते हैं। किसानों को बैंकों से समन्वय करते हुए एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड के तहत 7 वर्षों तक 3% ब्याज में छूट भी मिलेगी। 240 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है।