समाज में आत्मीयता पूर्ण माहौल स्थापित करती है मध्यस्थता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

हमारे देश की प्राचीन सोच को नवीन रूप से कायम कर समाज में आत्मीयता पूर्ण माहौल बनाने के लिए मध्यस्थता वर्तमान समय की मांग हैं। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को इंदौर के पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में देश के पहले सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र के लोकार्पण के अवसर पर कही।

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यस्थता से न केवल मामलों का निपटारा होता है अपितु समाज में आपसी विश्वास पैदा होता है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता की सोच को मध्यप्रदेश सरकार गांवों तक ले जाने के प्रयास करेगी जिससे गांवों में भी परस्पर सौहार्द्र का माहौल बन सके।  उन्होंने कहा कि सामाजिक तानेबाने के सुचारू संचालन के लिए जरूरी है कि पारिवारिक रिश्तों की मजबूती बनी रहे। उन्होंने इंदौर पुलिस कमिश्नरेट, जिला प्रशासन और विधिक सेवा प्राधिकरण को बधाई देते हुए कहा कि यह पुण्य कार्य सराहनीय मॉडल है।

पुलिस कमिश्नरेट इन्दौर एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में नवनिर्मित सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति एवं कार्यपालिक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण म.प्र. उच्च न्यायालय जस्टिस श्री संजीव सचदेवा एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति, म.प्र. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इन्दौर एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय मध्यस्थता समिति जस्टिस श्री विवेक रूसिया की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस दौरान जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट , सांसद श्री शंकर लालवानी, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, संभागायुक्त श्री दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर श्री संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं इंदौर के मध्यस्थ उपस्थित रहें।

मध्यस्थता समझौता कराने के साथ मानवीय रिश्तों को मजबूत बनाती है

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति श्री संजीव सचदेवा ने कहा कि मध्यस्थता विवादों में समझौता कराने के साथ साथ मानवीय रिश्तों को मजबूत करने का भी कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में इसे मीडिएशन की संज्ञा दी गई है, जबकि भारत में वर्षों से पंच सरपंचों द्वारा विवादों के मामले में समझौता किया जा रहा हैं।

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