मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ली छिंदवाड़ा प्रकरण पर उच्च स्तरीय बैठक, लापरवाही पर तीन अधिकारी निलंबित, ड्रग कंट्रोलर स्थानांतरित

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर छिंदवाड़ा कोल्ड्रिफ सिरप त्रासदी के संबंध में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
प्रशासनिक एवं नियामक सख्ती
बैठक के तुरंत बाद प्रशासनिक लापरवाही के लिए तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया: औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा श्री गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर श्री शरद कुमार जैन, और उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री शोभित कोस्टा। ड्रग कंट्रोलर श्री दिनेश मौर्य का स्थानांतरण भी किया गया।
अभियान और प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ सिरप को लेकर सघन रिकवरी अभियान चलाने के आदेश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की मदद से छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में घर-घर जाकर इस दवा को जब्त किया जाए।
- सभी दुकानों से कोल्ड्रिफ सिरप का स्टॉक जब्त करने का आदेश।
- दवाओं पर निर्धारित चेतावनी और सावधानियों की जाँच का अभियान।
- 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग लिखने वाले डॉक्टरों पर कार्यवाही के निर्देश।
- निर्माता कंपनी पर कार्यवाही के लिए तमिलनाडु राज्य सरकार से संपर्क करने का निर्देश।
जांच की प्रगति
बैठक में बताया गया कि गंभीर प्रकरणों के नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया, नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, और तमिलनाडु/हिमाचल के ड्रग कंट्रोलर्स का जांच में सहयोग लिया जा रहा है। नमूने अमान्य पाए जाने के बाद दवा पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रभावित मरीजों को चिन्हित करने के लिए सर्वे शुरू हो गया है और आवश्यकतानुसार उन्हें नागपुर रेफर किया जा रहा है। इसके अलावा, अधिकांश मरीजों को उक्त दवा लिखने और अपने परिवार के सदस्य के माध्यम से दवा बिक्री कराने वाले डॉक्टर के निलंबन तथा दवा निर्माता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की गई है।
बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, राज्यमंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



