प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया; कहा: जनजातीय योगदान अतुलनीय है

नर्मदा/जबलपुर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के नर्मदा जिले से राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित किया। यह दिवस प्रतिवर्ष 15 नवंबर को महान जनजातीय जननायक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि स्वाधीनता संग्राम में देश के विभिन्न क्षेत्रों के जनजातीय वीरों ने अपना लहू बहाया और अंग्रेजों को कभी भी चैन से नहीं बैठने दिया। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि इन जनजातीय जननायकों के अभूतपूर्व योगदान को इतिहासकारों और पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा पूरी तरह से नकार दिया गया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार ने यह बीड़ा उठाया है कि आज की नई पीढ़ी को इन महान शूरवीरों के बलिदान से अवगत कराया जाए।
जनजातीय विकास और सम्मान पर जोर
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय समुदायों के विकास की धारा से जोड़ने और उन्हें मुख्यधारा में लाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान देश में पहली बार जनजातीय कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ था। सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में आदिवासियों को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के निर्माण पर $18$ हज़ार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाने और इनमें $60$ प्रतिशत प्रवेश वृद्धि का उल्लेख किया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में, सिकल सेल एनीमिया के खतरे को देखते हुए देश में $6$ करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जनजातीय वर्ग के बच्चों की पढ़ाई में भाषा की बाधाएँ समाप्त की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज देश की राष्ट्रपति महोदया जनजातीय समुदाय से आती हैं, साथ ही कई राज्यों में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पद पर भी जनजातीय समुदाय के व्यक्ति आसीन हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश के नायकों को याद किया
जबलपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में $5$ वर्षों से धूमधाम से मनाई जा रही है। उन्होंने मध्य प्रदेश के जनजातीय प्रतिरोध के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए रानी दुर्गावती, टंट्या मामा, खाज्या नायक, भीमा नायक, शंकर शाह और रघुनाथ शाह जैसे नायकों के बलिदान का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र $25$ वर्ष की आयु में संस्कृति और गौमाता की रक्षा करते हुए आजादी की लड़ाई लड़ी।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में मध्य प्रदेश के योगदान को रेखांकित करते हुए नमक सत्याग्रह से जन्में जंगल सत्याग्रह और टुरिया सत्याग्रह का उल्लेख किया। उन्होंने महाकौशल की धरती को गोंड शासकों की जन्मभूमि बताते हुए महाराजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह को $1857$ के संग्राम में क्रांति की मशाल प्रज्ज्वलित करने के लिए याद किया, जिन्हें देशभक्ति कविताएँ लिखने पर तोप से उड़ा दिया गया था।
प्रमुख घोषणाएँ और सम्मान
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विकास कार्य: प्रदेशभर में जनजातीय समुदाय के कल्याण हेतु $662$ करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले $133$ विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन।
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शालिनी ऐप: जनजातीय योजनाओं की जानकारी के लिए “शालिनी ऐप” का लोकार्पण।
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छात्रावास नामकरण: सभी कन्या छात्रावासों का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर, तथा बालक छात्रावासों का नाम महाराजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर।
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नई भर्ती: वर्ष 2026 में $5,000$ छात्रावास अधीक्षकों की भर्ती की घोषणा।
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सम्मान: महिला क्रिकेट विश्वकप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए क्रिकेटर क्रांति गौड़ को $1$ करोड़ का चेक सहित पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं और उत्कृष्ट डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया।



