मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आलीराजपुर में जनजातीय गौरव दिवस पर 250 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात दी

आलीराजपुर: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को पांचवें राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के आलीराजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित किया। यह दिवस भारत माता के अमर सपूत धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर को दीवाली और होली की तरह बताते हुए जनजातीय अस्मिता के संरक्षण के लिए बिरसा मुंडा के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि आलीराजपुर की पावन भूमि पर शहीद छीतु किराड़ (जिन्होंने $1857$ के संग्राम में जनजातीय शक्ति को संगठित किया) और शहीद चंद्रशेखर आज़ाद जैसे दो अमर योद्धाओं ने जन्म लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा और शहीद छीतु किराड़ की प्रतिमाओं का अनावरण किया।

विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, मुख्यमंत्री ने आलीराजपुर जिले के जनजातीय कल्याण हेतु 250 करोड़ रुपए की लागत के 156 विकास कार्यों की घोषणा की। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और अधोसंरचना से संबंधित कार्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण किया, जिसमें पलास पानी तालाब, मसनी बैराज, उच्च स्तरीय पुल, सांदीपनि विद्यालय, जनजातीय सीनियर छात्रावास और विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। 50 करोड़ रुपए लागत के 51 विकास कार्यों का भूमि-पूजन भी किया गया।


जनकल्याण और किसानों को राहत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में विकास और जनकल्याण के लिए अपनी सरकार का स्पष्ट संकल्प दोहराया। उन्होंने लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाकर 1500 रुपए मासिक करने की जानकारी दी। किसानों के लिए, उन्होंने केंद्र की सम्मान निधि के अलावा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना से मिलने वाले 6,000 रुपए के अतिरिक्त लाभ का उल्लेख किया। उन्होंने घोषणा की कि:

  1. पीले मोजैक से फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को 45 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।

  2. राज्य सरकार गेहूं 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी।

  3. मनरेगा के तहत बनने वाले 20-20 कुओं को परीक्षण के बाद बिजली आपूर्ति से जोड़ा जाएगा।

उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी से सिंचाई सुविधा मिलने से 170 गाँव लाभान्वित होंगे और हीरा तराशने के उद्योगों से नए रोज़गार सृजित होंगे।

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