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नवंबर में रिकॉर्ड तोड़ ठंड: उत्तर भारत में शीत लहर का प्रकोप, माउंट आबू से बद्रीनाथ तक जनजीवन प्रभावित
इस साल नवंबर में ही उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी ने दस्तक दे दी है, जिसके पीछे मुख्य कारण पहाड़ी क्षेत्रों से आ रही बर्फीली हवाएं हैं। तापमान में अप्रत्याशित गिरावट ने कई राज्यों में रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और दैनिक जीवन को प्रभावित किया है।
रिकॉर्ड तोड़ सर्दी के केंद्र:
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उत्तराखंड की स्थिति: बद्रीनाथ धाम में अत्यधिक ठंड के कारण पारा -8°C तक गिर गया है। इसके परिणामस्वरूप, ऋषिगंगा झरना और शेषनेत्र झीलें पूरी तरह से जम गई हैं।
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राजस्थान में ऐतिहासिक ठंड:
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माउंट आबू में 15 वर्षों में पहली बार नवंबर महीने में तापमान शून्य (0°C) पर दर्ज किया गया है, जिससे ओस की बूंदें बर्फ बन गईं।
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राज्य में 2021 के बाद पहली बार नवंबर में 5°C से नीचे तापमान आया है। फतेहपुर 4.9°C के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा।
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मौसम विभाग ने आज 5 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है।
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राजधानी दिल्ली: सोमवार की सुबह दिल्ली के लिए 3 साल में सबसे ठंडी सुबह रही। यहां का न्यूनतम तापमान 8.7°C दर्ज हुआ।
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मध्य प्रदेश में अलर्ट: राज्य के आधे हिस्से में शीत लहर का प्रकोप है। भोपाल, इंदौर और राजगढ़ सहित 26 जिलों में मंगलवार के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। राजगढ़ में 5°C न्यूनतम तापमान रहा।
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प्रशासनिक कदम: कड़ाके की ठंड को देखते हुए मध्य प्रदेश में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर समेत 9 शहरों में स्कूलों के खुलने का समय बढ़ाया गया है (जैसे: इंदौर में सुबह 9 बजे, भोपाल में 8:30 बजे के बाद)।
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अन्य पहाड़ी राज्य: हिमाचल प्रदेश में भी शिमला को छोड़कर बाकी 11 जिलों में न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे आ गया है, जिससे रातों में ठंड बढ़ी है।
मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों तक राजस्थान में सर्दी से राहत नहीं मिलने का अनुमान जताया है, जबकि हरियाणा में आज रात से मौसम में मामूली बदलाव हो सकता है।



