मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कई जनहितैषी प्रस्तावों को मंजूरी मिली।


☀️ कृषक मित्र सूर्य योजना में सोलर पंप क्षमता में वृद्धि

राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना (जो भारत सरकार की कुसुम-बी योजना है) में महत्वपूर्ण संशोधन को स्वीकृति दी है। अब सिंचाई के लिए सोलर पंप स्थापित करने वाले किसानों को एक बड़ी राहत दी गई है।

  • लाभ: किसान अपनी स्वीकृत सोलर पंप स्थापना क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का विकल्प चुन सकेंगे।

  • उदाहरण: 3 HP का अस्थाई विद्युत कनेक्शन रखने वाले किसान अब 5 HP का सोलर पंप ले सकेंगे, और 5 HP का अस्थाई कनेक्शन धारक किसान 7.5 HP का पंप प्राप्त कर सकेगा।

  • सब्सिडी: इस योजना के तहत 7.5 HP क्षमता तक का सोलर पंप लगाने पर अस्थाई विद्युत कनेक्शन वाले किसानों को केवल 10% अंशदान देना होगा, जबकि सरकार 90% सब्सिडी देगी।

  • उद्देश्य: इस निर्णय से राज्य सरकार पर विद्युत पंपों को दिए जाने वाले अनुदान का भार कम होगा और विद्युत वितरण कंपनियों की वितरण हानियों को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। यह योजना 24 जनवरी 2025 से मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा लागू की गई है।

🤝 मिशन वात्सल्य योजना का विस्तार

मंत्रि-परिषद ने मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत गैर-संस्थागत सेवा योजना (जैसे स्पॉन्सरशिप, फॉस्टर केयर, आफ्टर केयर) को अगले 5 वर्षों तक राज्य के सभी जिलों में जारी रखने की स्वीकृति दी।

  • आर्थिक सहायता: योजना के तहत पात्र बच्चों को ₹4,000 प्रति माह की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी।

  • युवा सशक्तिकरण: 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर देखभाल संस्थान छोड़ने वाले बच्चों को आफ्टर केयर के माध्यम से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा।

  • लाभार्थी वर्ग: विधवा/तलाकशुदा माता के बच्चे, अनाथ, असाध्य बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, बेघर, बाल श्रमिक, या शोषण के शिकार जैसे देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले (CNCP) बच्चे इससे लाभान्वित होंगे।

  • वित्तीय प्रावधान: इस योजना के क्रियान्वयन पर कुल ₹1,022.40 करोड़ (केंद्रांश ₹613.44 करोड़ और राज्यांश ₹408.96 करोड़) खर्च होंगे, जिससे प्रदेश के 33,346 बच्चे लाभान्वित होंगे।

🏥 आयुष चिकित्सालयों में नए पदों का सृजन

प्रदेश के 12 जिलों (भोपाल, इंदौर, नरसिंहपुर, बड़वानी आदि) में आयुष चिकित्सालयों के संचालन के लिए 373 नवीन पदों और 806 ऑन कॉल मानव संसाधन सेवाओं की स्वीकृति दी गई है।

  • पदों की संख्या: 373 नियमित पद (प्रथम श्रेणी के 52, द्वितीय श्रेणी के 91, तृतीय श्रेणी के 230)

  • वित्तीय भार: नियमित पदों पर वार्षिक वित्तीय भार ₹25.57 लाख रुपये आएगा।

⚙️ मेडिको लीगल संस्थान और विज्ञान परिषद् के नियम

 

  • मेडिको लीगल संस्थान: संस्थान के अधिकारियों को सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ, स्वास्थ्य विभाग के समान, 1 जनवरी 2016 से प्रदान करने को मंजूरी दी गई। इस पर ₹93 लाख का वित्तीय भार आएगा।

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्: परिषद् के वैज्ञानिकों/अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें नियम 2025 का अनुमोदन किया गया। साथ ही, परिषद् में नए पदों पर भर्ती पर लगी रोक को हटाए जाने का भी निर्णय लिया गया है।

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