भारत-फ्रांस रक्षा अनुसंधान सहयोग को मिली नई गति

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और फ्रांस के आयुध महानिदेशालय (डीजीए) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता नई दिल्ली स्थित डीआरडीओ भवन में 20 नवंबर, 2025 को संपन्न हुआ। भारत की ओर से रक्षा विभाग के अनुसंधान एवं विकास सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत तथा फ्रांस की ओर से राष्ट्रीय आयुध निदेशक (डीजीए), लेफ्टिनेंट जनरल गेल डियाज़ डी तुएस्टा ने इस पर हस्ताक्षर किए।

इस रणनीतिक साझेदारी का प्राथमिक उद्देश्य भविष्य की रक्षा चुनौतियों के लिए अभिनव समाधानों के विकास हेतु दोनों देशों की संयुक्त विशेषज्ञता और संसाधनों का उपयोग करना है। यह समझौता रक्षा अनुसंधान एवं विकास में कौशल और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक आधिकारिक संरचना प्रदान करता है, जिसमें संयुक्त अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम, परीक्षण गतिविधियाँ, सूचनाओं का आदान-प्रदान, तथा कार्यशालाओं एवं संगोष्ठियों का आयोजन शामिल है।

इस समझौते के तहत, दोनों देश उपकरण, तकनीकी जानकारी और प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण से लाभान्वित होंगे। सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों की सूची में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:

  • वैमानिकी प्लेटफॉर्म और मानवरहित वाहन

  • रक्षा अनुप्रयोगों के लिए उन्नत सामग्री

  • साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)

  • अंतरिक्ष और नौवहन प्रौद्योगिकियां

  • उन्नत प्रणोदन, उन्नत सेंसर और क्वांटम प्रौद्योगिकियां

  • जल के भीतर प्रौद्योगिकियां और पारस्परिक हित के अन्य क्षेत्र

दोनों पक्षों ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह द्विपक्षीय सहयोग राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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