अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर से होगा नर्मदा परिक्रमा पथ का चिन्हांकन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में नर्मदा परिक्रमा पथ के साथ ही अन्य विषयों पर विभागीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मंत्री श्री पटेल ने अधिकारियों से नर्मदा परिक्रमा को ध्यान में रखकर रेडी टू स्टे आश्रय के निर्माण पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ एकड़ में आश्रय का निर्माण किया जा सकता है, जिसमें पेड़ पौधे लगाने के साथ ही रुकने-ठहरने की अच्छी व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा सकती है। मंत्री श्री पटेल ने चातुर्मास करने वालों के लिए विशेष प्रबंध करने को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मदद के लिए स्वयं पहल करने वाले लोगों या समितियों को इसमें शामिल किया जा सकता है।

अत्याधुनिक तकनीक से नर्मदा परिक्रमा पथ का चिन्हांकन

नर्मदा परिक्रमा पथ के चिन्हांकन के लिए इस बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अत्याधुनिक तकनीक का सहारा ले रहा है। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया है, जिसपर GIS की अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है। मंत्री श्री पटेल ने इस सॉफ्टवेयर की तारीफ़ करते हुए कहा कि इसकी मदद से नर्मदा परिक्रमा आसान होगी और इसका प्रयोग ग्रे वॉटर मैनेजमेंट के साथ साथ विभाग की अन्य गतिविधियों में भी बहुत काम आयेगा।

चिन्हांकन के लिए विशेष सॉफ्टवेयर

नर्मदा परिक्रमा पथ के चिन्हांकन के लिए ‘सॉफ्टवेयर फॉर आइडेंटिफिकेशन एंड प्लानिंग ऑफ रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर’ बनाया गया है।

इस सॉफ्टवेयर के जरिए नर्मदा पथ को चिन्हित करने का काम किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) की सभी आधुनिक तकनीकें शामिल की गई हैं। नर्मदा परिक्रमा पथ को लेकर विशेष प्रावधान रेडी टू स्टे आश्रय की व्यवस्था होगी। 7 लेयर की छत होगी, जिससे आश्रय स्थल को मजबूती मिलेगी। बल्ली, बांस, मिट्टी, MS फ्रेम गैप के लिए, MS फ्रेम, प्रोफाइल शीट, मिट्टी के खप्पड़ जैसी पांच लेयर से निर्मित की जाएगी छत मिट्टी और गोबर की छपाई और लेपन का उपयोग होगा।

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