मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: MSME सम्मेलन से आत्मनिर्भरता की ओर मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में आयोजित MSME सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था और युवाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं:

  • वर्ष का उद्देश्य: यह वर्ष “निवेश और रोजगार वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
  • MSME का महत्व: MSME भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो देश की जीडीपी में 30% और निर्यात में 45% का योगदान करते हैं।
  • युवा शक्ति का परिवर्तन: ‘उद्यम क्रांति योजना’ से युवा अब रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बन रहे हैं।

सम्मेलन में वितरित की गई सहायता (सिंगल क्लिक):

मद लाभार्थी/संख्या राशि
MSME प्रोत्साहन राशि 700 इकाइयाँ ₹197 करोड़ से अधिक
बैंक ऋण (उद्यम क्रांति योजना) 5,084 युवा ₹347 करोड़ से अधिक
स्टार्टअप (ईआईआर सहायता) 63 स्टार्टअप्स ₹1 करोड़ से अधिक (₹1.20 लाख/स्टार्टअप/वर्ष)
भू-आवंटन पत्र 237 उद्यमी

MSME और स्टार्टअप के लिए प्रमुख घोषणाएँ/तथ्य:

  • स्टार्टअप नीति: नई स्टार्टअप पॉलिसी-2025 के तहत नए स्टार्टअप को एक साल तक ₹10,000 प्रति माह की सहायता।
  • स्टेटस: मध्य प्रदेश में 6,000 से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं।
  • महिला सशक्तिकरण: 47% रजिस्टर्ड स्टार्टअप की मालकिन महिलाएँ हैं।
  • बुनियादी ढाँचा: 19 नए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं और 10 नए प्रस्तावित हैं।
  • ऋण सुविधा: ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना’ के तहत ₹50 लाख तक का लोन बिना गारंटी के उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • मंत्री का वक्तव्य: MSME मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने 50% ‘लैंड लॉक सब्सिडी’ शुरू करने की जानकारी दी, जिससे छोटे निर्यातकों को लाभ मिलेगा।
  • आत्मनिर्भरता पर जोर: मुख्यमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को आर्थिक स्वतंत्रता का नारा बनाने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए MSME की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

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