संबल बोर्ड, श्रम कल्याण और भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की बैठक सम्पन्न

श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर में श्रम विभाग के तीनों मंडलों के संचालक मंडल की बैठक ली। बैठक में मंत्री श्री पटेल ने कहा कि श्रमिक एवं उद्योग एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों के हित साझा हैं। उन्होंने कहा कि तीनों मण्डल प्रदेश के संगठित और असंगठित वर्ग के लाखों मजदूरों एवं उनके परिवार के कल्याण के लिये कई योजनाओं का संचालन कर रहे हैं।

केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने ऐसी नीतियाँ बनाई हैं जिससे गरीब मजदूरों को आर्थिक मदद एवं सामाजिक सुरक्षा मिल सके। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिक एवं उनके परिजन विकास की मुख्य धारा से जुड़कर देश और प्रदेश के विकास में सहभागी बनते हैं। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि तीनों मण्डल इस बात को सुनिश्चित करें कि कोई श्रमिक परिवार सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे।

श्रम कल्याण मंडल की बैठक में संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये संचालित अंतिम संस्कार सहायता एवं अनुग्रह सहायता योजना का लाभ पात्र श्रमिक के परिवारजनों को भी दिये जाने का निर्णय लिया गया। परिवार के सदस्यों में पति-पत्नी और बच्चों के अलावा माता-पिता को भी शामिल करने का मण्डल के सभी सदस्यों द्वारा निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार श्रम कल्याण मंडल के अंतर्गत आने वाले दिव्यांग श्रमिकों को ई-ट्राईसाइकिल दिये जाने जाने का निर्णय लिया गया। देय श्रमिकों के अभिदाय दरों में वृद्धि पर मण्डल सदस्यों ने सहमति दी।

संबल बोर्ड की बैठक में मंत्री श्री पटेल द्वारा अनुग्रह सहायता योजना के अंतर्गत हितलाभ वितरण को परिवार का संबल बताया। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि सरकार की मंशा है कि श्रमिक परिवार को सरकार की सभी योजनाओं का पूरा लाभ समय पर मिले। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश में उद्योगपति और श्रमिक दोनों के बीच बेहतर समन्वय है। जो प्रदेश के आर्थिक विकास की नींव है। बैठक में संगठित और असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों एवं निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिये कई नई योजनाओं के संचालन का निर्णय लिया। बैठक में 5 नये स्थानों सागर, रीवा, शहडोल, उज्जैन और बालाघाट में श्रमोदय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। माइग्रेंट श्रमिकों के निवास के लिये 16 नगर निगम में सर्वसुविधायुक्त श्रमिक विश्राम गृह खोलने के निर्णय पर भी सहमति हुई। निर्माण श्रमिकों का अब निशुल्क पंजीयन होगा। साथ ही श्रमिक पोर्टल के माध्यम से पंजीयन का नवीनीकरण ऑनलाइन करा सकेंगे।

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