मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश

आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को दें बढ़ावा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मेडिकल टूरिज्म एक उभरता हुआ सेक्टर है। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आयुष विभाग भी इस क्षेत्र में भागीदारी करें। प्रदेश के हर पर्यटन स्थल, धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व के स्थलों के आसपास वैलनेस सेंटर स्थापित किए जाएं, इससे यहां आने वाले पर्यटक आयुष विभाग की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति और पंचकर्म सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उच्च शिक्षा, आयुष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव आयुष श्री डी.पी. आहूजा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन में प्रदेश में जहां-जहां नए आयुर्वेद महाविद्यालय स्थापित किए जाने हैं, इन्हें प्रारंभ करने के लिए तेज एवं प्रभावी कार्रवाई की जाएं। स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग आपसी समन्वय और तालमेल से काम करें और अधिक से अधिक मरीजों को अपनी-अपनी चिकित्सा पद्धतियों से उपचार का लाभ दें। उन्होंने कहा कि दोनों ही विभाग रोजगारपरक शिक्षा की ओर बढ़ें, ताकि प्रदेश को अधिकाधिक डॉक्टर्स एवं आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी मिलें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयुष विभाग द्वारा 543 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी, 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारी, 65 आयुर्वेद व्याख्याता एवं 150 से अधिक पैरामेडिकल स्टॉफ एवं संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर की पोस्टिंग भी कर देने की जानकारी मिलने पर विभागीय अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि अब आयुष के डॉक्टर्स गांव-गांव में उपलब्ध हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बिना किसी डिग्री के क्लीनिक चलाकर एवं घर-घर जाकर भोले-भाले ग्रामीण मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टर (क्वेक्स) पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश दिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button