प्रदेश में 2000 मेगावाट सौर पार्क व 1000 मेगावाट कंपोजिट ऊर्जा भंडारण परियोजना स्थापित किए जाने की स्वीकृति

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य शासन के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों / परिवार पेशनरों को देय महंगाई भत्ते एवं मंहगाई राहत की दर में वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया है। महगाई भत्ता एवं मंहगाई राहत की स्वीकृति के फलस्वरूप एरियर राशि सहित राज्य शासन पर कुल व्यय भार 3500 करोड़ रूपये अनुमानित है।

मंत्रि-परिषद की बैठक राज्य शासन के सातवें वेतनमान प्राप्त कर रहे शासकीय सेवकों को 1 जुलाई, 2024 से 3 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये कुल 53 प्रतिशत एवं 1 जनवरी, 2025 से 2 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये कुल 55 प्रतिशत के मान से महंगाई भत्ता में वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया है। छठवें वेतनमान के कार्मिकों एव निगम / मंडल / उपक्रम के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर राज्य शासन में कार्यरत पांचवें एवं चौथे वेतनमान अंतर्गत कार्मिकों को समानुपातिक आधार पर मंहगाई भत्ता में वृद्धि के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया।

1 जुलाई, 2024 से 30 अप्रैल, 2025 तक की एरियर राशि का भुगतान जून 2025 से अक्टूबर 2025 तक पांच किश्तों में किया जाएगा। प्रथम किश्त भुगतान माह जून, 2025 ,द्वितीय किश्त भुगतान माह जुलाई, 2025, तृतीय किश्त भुगतान माह अगस्त, 2025, चतुर्थ किश्त भुगतान माह सितम्बर, 2025, पांचवी किश्त भुगतान माह अक्टूबर, 2025 में किया जायेगा।

1 जनवरी, 2024 से 30 सितम्बर, 2024 की अवधि में सेवानिवृत / मृत शासकीय सेवकों के संबंध में उन्हें/नामांकित सदस्य को एरियर राशि का भुगतान एकमुश्त किये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य शासन के पेंशनर्स/परिवार पेंशनर्स को दिनाक 1 मार्च 2025 से सातवें वेतनमान अंतर्गत 53 प्रतिशत एवं छठवे वेतनमान अतंर्गत 246 प्रतिशत पेंशन राहत स्वीकृत करते हुये छत्तीसगढ़ शासन के पत्र दिनांक 12 मार्च 2025 पर सहमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश में 2000 मेगावाट सौर पार्क व 1000 मेगावाट कंपोजिट ऊर्जा भंडारण परियोजना स्थापित किए जाने की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश की बिजली मांग की अवधि एक दूसरे की पूरक होने के कारण मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में पूरक आधार पर विद्युत प्रदाय के लिए मध्य प्रदेश में 2000 मेगावाट सौर पार्क व 1000 मेगावाट कंपोजिट ऊर्जा भंडारण परियोजना स्थापित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस परियोजना से दोनों राज्यों को पृथक-पृथक छः महीनों के लिए बिजली उपलब्ध होगी।

कृषि क्षेत्र में होने वाली विद्युत खपत, मध्यप्रदेश की विद्युत खपत का लगभग 41% भाग है। मध्यप्रदेश की जलवायु अनुरूप रबी फसलों के लिए माह अक्टूबर से मार्च के मध्य, कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक विद्युत की मांग रहती है।

नवकरणीय विद्युत उत्पादन परियोजनाओं का संचालन कृषि क्षेत्र में होने वाली विदयुत मांग के अनुरूप किया जाना चाहिए। कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की विद्युत आवश्यकलाएँ एक दूसरे की पूरक हैं, अर्थात जिस अवधि में उतर प्रदेश को विद्युत आवश्यकता अधिक होती है (खरीफ माहों), उस अवधि में मध्यप्रदेश की विद्युत मांग कम होती है। इसके विपरीत जिस अवधि में मध्यप्रदेश को विद्युत आवश्यकता अधिक होती है (रबी माहों), उत्तर प्रदेश की विद्युत मांग कम होती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button