मुख्यमंत्री ने किया 3 दिवसीय राज्य स्तरीय आदि शिल्पग्राम महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश के जनजातीय कला और कलाकारों ने देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई है। जनजातीय समृद्ध कला विरासत और इसके कलाकारों को मां सरस्वती का आशीष प्राप्त है। जनजातीय कलाकारों की कल्पनाशीलता प्रशंसनीय है। एक सधे और गढ़े हुए हाथों से बारीक चित्रकारी कर जनजातीय कलाकारों ने पूरी दुनिया को अपना हुनर दिखाया है। हमारी सरकार सभी जनजातीय कलाओं के संरक्षण और कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को रवीन्द्र भवन में 3 दिवसीय राज्य स्तरीय आदि शिल्पग्राम महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि हमारी सरकार विरासत से विकास की ओर बढ़ने के संकल्प के अनुरूप सभी प्राचीन कला, संस्कृति, परंपराओं और इनके कलाकारों को संरक्षण दे रही है। गोंड चित्रकला को जीआई टेग प्राप्त हो चुका है, जो इस चित्रकला और इससे संबंधित चित्रकारों को वैश्विक सम्मान मिलने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी प्रकार की जनजातीय शिल्प, चित्रकारी और कलाकारों को उनकी कला प्रदर्शन एवं बाजार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न आयोजनों के जरिए समुचित मंच प्रदान करने का प्रयास कर रही है। हमने केंद्र सरकार के साथ मिलकर प्रदेश के संपूर्ण जनजातीय वर्ग को विकास मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं और विकास कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं। इन योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम तेजी से प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय पराक्रम, शौर्य और बलिदान के प्रतीक राजा शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह और राजा हृदय शाह के मंडला स्थित प्राचीन किले के जीर्णोद्धार के लिए 15 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय की महान विभूतियों को समूचित सम्मान मिले, इसके लिए राजधानी भोपाल में अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन रखा गया है। क्रांतिसूर्य टंट्या मामा के नाम से खरगौन में विश्वविद्यालय की शुरुआत भी की गई है। रानी दुर्गावती की धरती पर मंत्रि-परिषद की बैठक कर हमने उन्हें सम्मान दिया है।

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