मुख्यमंत्री ने की किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में रागी, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, मक्का जैसे श्रीअन्न का उत्पादन बढ़ाया जाए और किसानों को श्रीअन्न उत्पादन के लिए प्रोत्साहि त किया जाए। किसानों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न अब सरकार खरीदेगी। उन्होंने कहा कि तुअर उत्पादक किसानों को अच्छे किस्म के खाद, बीज और उत्पादन वृद्धि के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाए। इसके लिए किसानों को फसल अनुदान देने और उनकी फसल का बीमा कराने जैसे नवाचार भी किये जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव सहकारिता श्री अशोक बर्णवाल, सचिव कृषि श्री एम. सेल्वेन्द्रम सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

कृषि उपज मंडी के अलावा फल व सब्जी मंडी, मसाला मंडी स्थापना के लिए भी करें प्रयास

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की सभी मंडियों में प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी मंडियों का विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों से आकस्मिक निरीक्षण करायें। मंडियों की व्यवस्थाओं को और भी बेहतर बनाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई जरूरतों के मुताबिक अब अलग-अलग मंडियों की स्थापना पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडियों का फसलवार मॉडल तैयार करें। कृषि उपज मंडी के अलावा अब फल व सब्जी मंडी, मसाला मंडी या अन्य विशेष पैदावार की मंडी स्थापना के लिए भी प्रयास किए जाएं। इसके लिए रोडमैप तैयार किया जाए और यदि आवश्यकता है तो इसमें प्रायवेट सेक्टर को भी सम्मिलित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंडियों में जारी वर्तमान व्यवस्थाओं का समुचित तरीके से किसानों के हित में प्रबंधन किया जाए। मंडी शुल्क की प्राप्त राशि से किसानों की कल्याण गतिविधियों पर फोकस किया जाए।

आदर्श बनें प्रदेश की कृषि उपज मंडियां

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों को आदर्श बनाया जाए। मंडियों में कृषि आधारित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। मंडियों में किसानों को फसल बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मंडी में अपनी फसल बेचने आने वाले हर किसान को उसकी उपज का सही दाम मिले किसी का भी नुकसान न होने पाए। मंडियों को और अधिक आधुनिक बनाया जाए यहां किसानों को उनके उपज में गुणवत्ता संवर्धन के बारे में भी बताया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी मंडियां अपने विकास कार्यों के लिए आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्थानीय निकायों से नई मंडियों की स्थापना/ फसल भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए समन्वय करें, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अधिक सुविधाएं मिल सकें।

किसानों को मिले प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। प्रदेश के किसानों को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर उन्नत किस्म के बीज, आधुनिक कृषि यंत्रों, अच्छा भाव, अनुदान आदि का प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न रागी, कोदो-कुटकी, मक्का, ज्वार, बाजरा की फसलों को प्रोत्साहन दिया जाए। इन फसलों के उत्पादक क्षेत्र को अच्छी पैदावार करने के लिए प्रोत्साहन मिले। आवश्यकता अनुसार अनुदान की राशि भी बढ़ाई जाए।

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