60 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की सड़क विकास परियोजनाओं की घोषणा

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के लिए 60 हजार करोड़ से ज्यादा लागत की सड़क विकास परियोजनाओं की घोषणा की गई है। सतना-चित्रकूट 4 लेन, रीवा-सीधी 4 लेन, ग्वालियर-भिंड 4 लेन बनाए जाएंगे। उज्जैन-झालावाड़ मार्ग 2 हजार करोड़ रुपए, बदनावर-टिमरनी मार्ग 2 हजार करोड़ रुपए से विकसित होगा। बमीठा-पन्ना-सतना 4 लेन, खजुराहो और बांघवगड़ राष्ट्रीय उद्यानों को कनेक्ट करेगा। खंडवा-बैतूल 4 लेन 4 हजार करोड़ रुपए, इंदौर 6 लेन पूर्वी बायपास 3.5 हजार करोड़ रुपए, जबलपुर-दमोह 1700 करोड़ रुपए, संदलपुर-नसरुल्लागंज-बुधनी-शाहगंज 3.5 हजार करोड़ रुपए से जून 2027 तक पूरा होगा। जबलपुर-डिंडौरी 4 लेन 200 किलोमीटर मार्ग दिसंबर 2026 तक पूरा होगा। इंदौर से हरदा 4 लेन 3400 करोड़ रुपए, ग्वालियर में पश्चिमी बायपास 1300 करोड़ रुपए, इंदौर में 6 लेन बायपास 3 हजार करोड़ रुपए लागत की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जा रही है। मध्यप्रदेश में 2100 करोड़ रुपए की लागत से 7 रोपवे बनाए जा रहे हैं। इसमें उज्जैन स्टेशन से महाकाल मंदिर, जबलपुर में एम्पायर टॉकीज से गुरुद्वारा, जबलपुर में सिविक सेंटर से बड़ाफुआरा भी शामिल हैं। केंद्र सरकार ने वार्षिक पास जारी कर टोल को कम कर दिया है। इसका अच्छा रिस्पांस मिला है। एक साल के 3000 रुपए का पास दिया जा रहा है, जिससे 200 टोल नि:शुल्क क्रास किए जा सकेंगे।
यात्री परिवहन सेवा को बनाया जायेगा सुगम
केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि जबलपुर के नगरीय विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समन्वित रूप से कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्री परिवहन सेवा को सुगम बनाया जायेगा। भविष्य में फ्लैश चार्जिग बसें चलाई जायेंगी। उन्होंने बताया कि नागपुर में फ्लैश चार्जिंग अत्याधुनिक बसें शुरू की गई हैं। इस 160 सीटर एसी बस में बस होस्टेस भी कार्यरत होंगी। बस का किराया डीजल बस की तुलना में 30 प्रतिशत कम होगा, बसों की क्षमता और सुविधाएं मेट्रो के समान होंगी। देश में अभी मेट्रो निर्माण में 500 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर खर्च आ रहा है। यह बस 2 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर में संचालित होती हैं। ये बसें जनसामान्य को राहत देंगी। आधुनिक बस और हाईवे नेटवर्क से यात्रियों का सफर आसान होगा। जिस प्रकार रोड नेटवर्क में सुधार हुआ है उसी प्रकार परिवहन के साधनों को भी विश्वस्तरीय किया जाएगा। अत्याधुनिक बस निर्माण परियोजना में टाटा समूह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएगा। ईंधन के नए विकल्प आने से हमारी निर्भरता पेट्रोल-डीजल पर निरंतर कम होती जाएगी।



