मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया ‘पाञ्चजन्य सुशासन संवाद’ को संबोधित

MP में 24% विकास दर, निवेश संवर्धन में देश में सबसे आगे; ‘कुलगुरू’ नामकरण से शिक्षा में भारतीयता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित पाञ्चजन्य सुशासन संवाद 2.0 कार्यक्रम में सहभागिता की। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि पाञ्चजन्य केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि भारतीय विचार परम्परा का सशक्त संवाहक है, जो धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान करता है।
शासकीय नवाचार और जनकल्याण:
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आम जनता के सुख के लिए हर संभव प्रयास कर रही है:
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नदी जोड़ो अभियान: राजस्थान, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के साथ नदी जोड़ो अभियान शुरू किया गया है, जिससे मध्यप्रदेश के साथ तुलनात्मक रूप से कम जल सम्पदा वाले पड़ोसी राज्यों को भी लाभ मिलेगा।
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शिक्षा का भारतीयकरण: विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर का नाम बदलकर ‘कुलगुरू’ किया गया है।
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सामुदायिक उत्सव: गुरूपूर्णिमा और गीता जयंती जैसे त्यौहारों को अब राज्य सरकार समाज के साथ मिलकर मनाने की परिपाटी शुरू कर चुकी है।
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किसानों को आत्मनिर्भरता: सौर ऊर्जा पम्प देकर किसानों को बिजली में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, जिससे सब्सिडी पर होने वाले खर्च को विकास के अन्य कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।
निवेश और विकास की उपलब्धियाँ:
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ग्रोथ रेट: मध्यप्रदेश 24 प्रतिशत की विकास दर पर चल रहा है, जो देश में सबसे तेज गति में से एक है।
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रीजनल इन्डस्ट्री कॉन्क्लेव: क्षेत्रीय स्तर पर उद्योग गतिविधियों को विस्तार देने वाला यह नवाचार मध्यप्रदेश का एकमात्र राज्य है।
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पीएम मित्र पार्क: प्रधानमंत्री द्वारा स्वीकृत इस पार्क से तीन लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा।
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महानगर क्षेत्र विकास: प्रदेश में दो मेट्रो पॉलिटन क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं और महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 को स्वीकृति दी गई है।
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पीपीपी मोड: पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज संचालित करने का नवाचार भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और 8 लाख करोड़ के प्रस्तावों पर काम जारी है।



