प्रदेश के घोषित पवित्र क्षेत्रों में मदिरा दुकानें 1 अप्रैल 2025 से होंगी बंद
मध्यप्रदेश की नई आबकारी नीति के अनुसार प्रदेश में घोषित पवित्र क्षेत्रों में मदिरा दुकानों को 1 अप्रैल 2025 से बंद कर दिया जाएगा। इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मण्डलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, अमरकंटक, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर, बांदकपुर शामिल है। नई आबकारी नीति के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के वाइन आउटलेट के लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे एवं उनके संचालन की अनुमति भी नहीं होगी।
नये जिलों में मदिरा दुकानों का संचालन एवं प्रशासन वहां के जिला कलेक्टरों के अधीन किया जाएगा। जनजातीय बंधुओं के हित में वाइन शॉप पर वाइन एवं हेरिटेज मदिरा का विक्रय किया जा सकेगा। एयरपोर्ट काउंटर पर भी हेरिटेज मदिरा विक्रय की अनुमति रहेगी। किसी भी मदिरा दुकान के परिसर में मदिरापान की अनुमति नहीं होगी।
प्रत्येक जिले में जिला निष्पादन समिति
नई आबकारी नीति के अनुसार प्रत्येक जिले में जिला निष्पादन समिति गठित की जाएगी। जिला निष्पादन समिति मदिरा दुकानों का विस्थापन कर जिले में अन्य स्थान पर विस्थापित दुकान खोलने, दुकान का पोटेंशियल क्षेत्र निर्धारित करने, दुकानों का आरक्षित मूल्य निर्धारण करने, मदिरा दुकानों के एकल समूह का गठन या पुनर्गठन करने, शासन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार दुकानों का निष्पादन करने संबंधी सभी कार्य करेगी। अपरिहार्य परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मदिरा दुकान बंद करने के लिए आबकारी आयुक्त प्रस्ताव दे सकेंगे। अंतिम निर्णय राज्य शासन स्तर पर होगा।
वर्ष 2024-25 के वार्षिक मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि उपरांत वर्ष 2025-26 के लिए आरक्षित मूल्य का निर्धारण किया गया है। वर्ष 2025-26 में सर्वप्रथम वर्तमान वर्ष 2024-25 के अनुज्ञप्तिधारियों को नवीनीकरण का अवसर प्रदान किया गया है। तदोपरांत लॉटरी आवेदन पत्र आमंत्रित किये जायेंगे। नवीनीकरण एवं लॉटरी आवेदन पत्र से जिले के आरक्षित मूल्य के 80 प्रतिशत अथवा उससे अधिक के राजस्व की प्राप्ति होने पर जिले को नवीनीकृत किया जावेगा। जरूरत पड़ने पर ई-टेण्डर और ई-टेण्डर कम ऑक्शन की पद्धति से निष्पादन किया जावेगा।