मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की साझी ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत पर गतिविधियां होंगी संचालित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान के विरुद्ध संचालित ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रि-परिषद की ओर से बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी, रक्षा मंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, भारतीय सेना और अर्ध सैनिक बलों के सभी जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग करते हुए, कम समय में तीव्र गति से की गई कार्रवाई से विश्व, भारत के बदलते दौर के नेतृत्व की क्षमता से परिचित हुआ है, यह सभी भारतवासियों के लिए सौभाग्य का विषय है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में मंत्रीगण को प्रदेश में गेहूं उपार्जन की स्थिति, महाराष्ट्र के साथ नदी जोड़ो अभियान के लिए हुए एमओयू, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश द्वारा परस्पर समन्वय से आगामी दिनों में की जाने वाली सांस्कृतिक-धार्मिक व इतिहास केंद्रित गतिविधियों, प्रदेश में निवेश संवर्धन और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए बेंगलुरु और इंदौर में होने वाले आयोजनों तथा 20 मई को इंदौर में होने वाली मंत्रि-परिषद की बैठक तथा विजन डॉक्यूमेंट@2047 पर चर्चा के संबंध में अवगत कराया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गेहूं उपार्जन में 5 मई तक प्रदेश के 3475 केंद्रों पर उपार्जन हुआ, इसमें 9 लाख किसानों की फसल का उपार्जन हुआ। प्रदेश में 77.74 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया, जिसमें से 74.42 लाख मीट्रिक टन भंडारण में आ गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि किसानों को अब तक 18 हजार 471 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। अब मात्र 400 करोड़ रुपए का भुगतान शेष है, जो शीघ्र कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ 10 मई को तापी बेसिन मेगा रिचार्ज योजना के संबंध में हुए एम.ओ.यू. की मंत्रि-परिषद को बधाई दी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि यह नदी जोड़ो अभियान का राज्य सरकार का तीसरा एम.ओ.यू. है। इस परियोजना से बुरहानपुर व खण्डवा जिले में भूजल में सुधार होगा। मध्यप्रदेश को 1 लाख 23 हजार हैक्टेयर और महाराष्ट्र को 2 लाख 37 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राज्यीय योजना के रूप में भारत सरकार से स्वीकृत कराने के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर सहमति बनी है। इसकी विशेषता यह होगी कि प्रदेश को परियोजना की मात्र 5 प्रतिशत राशि देनी होगी, शेष लागत केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

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