जल गंगा संवर्धन अभियान: जल संरचनाओं के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार में जन-भागीदारी का संकल्प

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि “आपः सुजिरा अमृतः सुवर्चाः शंभू मयोभूः”, अर्थात जल न केवल अमृतस्वरूप है, बल्कि शुभ, पवित्र और जीवनदायक भी है। उन्होंने कहा है कि जल जीवन जीने का संसाधन मात्र नहीं, अपितु हमारा सनातन संस्कार है। हमारे ग्रंथ कहते हैं कि जल की हर बूंद में जीवन है और हर स्रोत में आने वाले कल का भविष्य छिपा है। इसलिए इस अमूल्य धरोहर की किसी भी मूल्य पर रक्षा करना हमारा दायित्व है।

इसी दायित्व की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ संचालित किया जा रहा है। इसमें नवीन जल संग्रहण संरचनाओं के साथ-साथ पूर्व से मौजूद जल संग्रहण संरचनाओं का जीर्णोद्धार, जल स्त्रोतों और जल वितरण प्रणालियों की साफ सफाई, जल स्त्रोतों के आस-पास पौध रोपण के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। जन-जागरुकता अभियानों के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इस अभियान में जन-भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button